जगमग जगमग जोत करत हे, मंदिर मंदिर देवी ठांव ।
जंगल भीतर पर्वत ऊपर, शहर-शहर अउ जम्मो गांव ।।
माता के जयकारा गूंजे, जब छाये जग मा नवरात ।
धरती नाचे बादर झूमे, रूख राई घाते इतरात ।।
लहर लहर जब करे जवारा, सबो देवता माथ नवात ।
परम शांति अउ सुख ला पावय, जेने ऐखर दरशन पात ।
अइसन बेरा भगत जान के, मइया के ते द्वारे जात ।
अपने मन के सबो मनौती, मइया ले सबो गोहरात।।
नाना भगतन मइया के हे, नाना रूप अपन देखाय ।
धरे ढोल मादर कतको मन, दिव्य कथा तोरे तो गाय ।
बरन बरन के बाजा बाजे, बरन बरन के राग सुनाय ।।
कोनो जिभिया बाना छेदे, कोनो छाती जोत मढ़ाय ।।
कोनो सुन जस तोरे झूमे, सांटे मांगे हाथ लमाय ।
झूपत झूपत भगतन नाचे, सुध बुध ला अपने बिसराय ।।
श्रद्धा अउ विश्वास धरे सब, मइया मइया करे पुकार ।
सबो मनौती सबके मइया, पूरा कर करदव उपकार ।।
कोरा के हम तोरे लइका, तैं हमरे जग जननी माय ।
मानवता पथ छोड़ी झन हम, हमला माता लेहु बचाय ।।
जंगल भीतर पर्वत ऊपर, शहर-शहर अउ जम्मो गांव ।।
माता के जयकारा गूंजे, जब छाये जग मा नवरात ।
धरती नाचे बादर झूमे, रूख राई घाते इतरात ।।
लहर लहर जब करे जवारा, सबो देवता माथ नवात ।
परम शांति अउ सुख ला पावय, जेने ऐखर दरशन पात ।
अइसन बेरा भगत जान के, मइया के ते द्वारे जात ।
अपने मन के सबो मनौती, मइया ले सबो गोहरात।।
नाना भगतन मइया के हे, नाना रूप अपन देखाय ।
धरे ढोल मादर कतको मन, दिव्य कथा तोरे तो गाय ।
बरन बरन के बाजा बाजे, बरन बरन के राग सुनाय ।।
कोनो जिभिया बाना छेदे, कोनो छाती जोत मढ़ाय ।।
कोनो सुन जस तोरे झूमे, सांटे मांगे हाथ लमाय ।
झूपत झूपत भगतन नाचे, सुध बुध ला अपने बिसराय ।।
श्रद्धा अउ विश्वास धरे सब, मइया मइया करे पुकार ।
सबो मनौती सबके मइया, पूरा कर करदव उपकार ।।
कोरा के हम तोरे लइका, तैं हमरे जग जननी माय ।
मानवता पथ छोड़ी झन हम, हमला माता लेहु बचाय ।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें