मन हा मया खोजथे, चारो खूंट ।
पाये बिना घूटके, महुरा घूंट ।।
बने मया बर तन मन, मया म रंग ।
मनखे जीव जीव हा, होय न तंग ।।
कइसन रंग मया के, कइसन रूप ।
खोजत हे गरीब मन, खोजय भूप ।।
देखे मया कोन हा, छूये कोन ।
रग रग मा हवय घुरे, बन गुड़ गोन ।।
मया हवय धरती मा, जस भगवान ।
देखय ना तो आंखी, सुने न कान ।
मया हमर सुभाव हे, घुसरे साॅस ।
मनखे मनखे ला ये, राखे फाॅस ।।
पाये बिना घूटके, महुरा घूंट ।।
बने मया बर तन मन, मया म रंग ।
मनखे जीव जीव हा, होय न तंग ।।
कइसन रंग मया के, कइसन रूप ।
खोजत हे गरीब मन, खोजय भूप ।।
देखे मया कोन हा, छूये कोन ।
रग रग मा हवय घुरे, बन गुड़ गोन ।।
मया हवय धरती मा, जस भगवान ।
देखय ना तो आंखी, सुने न कान ।
मया हमर सुभाव हे, घुसरे साॅस ।
मनखे मनखे ला ये, राखे फाॅस ।।
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