//उड़ियाना-पद// लगही-लगही तब तो, गाँव हमर बढ़िया कान धरव ध्यान धरव, गोठ-बात मने भरव रखव-रखव साफ रखव, गाँव-गाँव तरिया ।। पानी के स्रोत रखव, माटी ला पोठ रखव जइसे के रखे रहिस, नंदलाल करिया ।। गाँव-गली चातर कर, लोभ-मोह ला झन धर बेजा कब्जा छोड़व, गाँव खार परिया ।। माथा ‘रमेश‘ हा धर, कहय दया अब तो कर गाय गरूवा बर दौ, थोड़-बहुत चरिया ।।
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
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त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
1 हफ़्ते पहले