कटय बिमारी शुगर के, करू करेला रांध ।
रोटी भर खाना हवय, अपन पेट ला बांध ।।
अपन पेट ला, बांध रखे हँव, लालच छोड़े ।
गुरतुर-गुरतुर, स्वाद चिखे बर, मुँह ला मोड़े ।।
नीम बेल अउ, तुलसी पत्ता, हे गुणकारी ।
रोज बिहनिया, दउड़े ले तो, कटय बिमारी ।।
-रमेश चौहान
तुलसी चौरा अंगना, पीपर तरिया पार । लहर लहर खेती करय, अइसन गांव हमार ।। गोबर खातू डार ले, खेती होही पोठ । लइका बच्चा मन घला, करही तोरे गोठ ।। गउचर परिया छोड़ दे, खड़े रहन दे पेड़ । चारा चरही ससन भर, गाय पठरू अउ भेड़ ।। गली खोर अउ अंगना, राखव लीप बहार । रहिही चंगा देह हा, होय नही बीमार ।। मोटर गाड़ी के धुॅंवा, करय हाल बेहाल । रूख राई मन हे कहां, जंगल हे बदहाल ।। -रमेश चौहान
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