//गीत//
(नायिका बर एकल गीत)
नायक वर्णन
(नायिका बर एकल गीत)
नायक वर्णन
ये राजा मोरे, आँखी के तोरे, करिया-करिया काजर ।
लागत हे मोला, आँखी मा तोरे, हवय मया के सागर ।।
आँखी-आँखी के, ये वोली बतरस, लागय गुरतुर आगर ।।
आँखी-आँखी के, ये वोली बतरस, लागय गुरतुर आगर ।।
एक कान के, सुग्घर बाली, अउ अँगठा के छल्ला ।
जब-जब तोला, देखँव राजा, होथे मन मा हल्ला ।।
तोरे दाढ़ी के, ये करिया चुन्दी, लागय जइसे बादर ।
ये राजा मोरे, तोरे आँखी के, करिया-करिया काजर ।।
जब-जब तोला, देखँव राजा, होथे मन मा हल्ला ।।
तोरे दाढ़ी के, ये करिया चुन्दी, लागय जइसे बादर ।
ये राजा मोरे, तोरे आँखी के, करिया-करिया काजर ।।
आधा बाही, वाले कुरता, तोला अब्बड़ सोहे ।
खुल्ला-खुल्ला, तोर भुजा ये, मोला अब्बड़ मोहे ।।
दूनों बाँह के, तोरे गोदना, मोला जलाय काबर ।
ये राजा मोरे, तोरे आँखी के, करिया-करिया काजर ।।
खुल्ला-खुल्ला, तोर भुजा ये, मोला अब्बड़ मोहे ।।
दूनों बाँह के, तोरे गोदना, मोला जलाय काबर ।
ये राजा मोरे, तोरे आँखी के, करिया-करिया काजर ।।
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