//गीत//
टूरा-
खुल्ला चुन्दीवाली टूरी, सपना मा आवत हे रे ।
मोरै तन मन के बादर मा, बदरी बन छावत हे रे ।।
टूरी-
लंबा चुन्दी वाले टूरा, सपना मा आवत हे रे ।
मोरे तन मन के बदरी मा, बादर बन छावत हे रे ।।
टूरा-
चढ़े खोंजरारी चुन्दी हा, माथा मा जब-जब ओखर ।
घेरी-बेरी हाथ हटाये, लगे चेहरा तब चोखर ।
झमझम बिजली चमकय जइसे, चुन्दी चमकावत हे रे ।
खुल्ला चुन्दीवाली टूरी, सपना मा आवत हे रे ।
.टूरी- फुरुर-फुरुर पुरवाही जइसे, झुलुप केस हा बोहावय ।
जेने देखय अइसन बैरी, ओखर बर तो मोहावय ।
चिक्कन-चांदन गाल गुलाबी, घात नशा बगरावत हे रे ।
लंबा चुन्दी वाले टूरा, सपना मा आवत हे रे ।
टूरा-
खुल्ला चुन्दीवाली टूरी, सपना मा आवत हे रे ।
मोरै तन मन के बादर मा, बदरी बन छावत हे रे ।।
टूरी-
लंबा चुन्दी वाले टूरा, सपना मा आवत हे रे ।
मोरे तन मन के बदरी मा, बादर बन छावत हे रे ।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें