जिंस पेंट फटकाय के, निकले जब तैं खोर । लिच लिच कनिहा हा करे, ऐ ओ गोरी तोर ।। देख देख ये रेंगना, कउंवा करें न कांव । मुक्का होगे मंगसा, परे तोर जब छांव ।। करिया बादर छाय हे, चेथी मा तो तोर । नील कमल हा हे खिले, तोरे आंखी कोर ।। लाल फूल दसमत खिले, पा के तोरे ओट । नाजुक होगे गाल हा, केश करे जब चोट ।। दूनो भौ के बीच मा, चंदा आय लुकाय । सुरूज अपन ओे रोशनी, तोरे मुॅह ले पाय ।। अइसन सुंदर तैं दिखे, मिले नही उपमान । जेने उपमा ला धरॅंव, होथे तोरे अपमान ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
1 दिन पहले