करय, छत्तीसगढ़ महतारी, आंसू छलकावत गोहार ।
मोरे लइका मन हा काबर, कइसन लगथव गा बीमार ।।
जब्बर छाती तो तोर रहिस, सह लेत रहे घन के मार।
घी दूध छकत ले पी-पी के, बासी चटनी खाये झार ।।
ओगराय पथरा ले पानी, सुरूज संग तै करे दुलार ।
रहय कइसनो बोझा भारी, अलगावस जस नार बियार ।।
करे कोखरो भले बिगारी, हाथ अपन ना कभू लमाय
जांगर पेरे अपन पेट बर, फोकट मा कभू नई खाय ।
मोरे तो सेवा कर करके, नाचस कूदस मन बहलास ।
अइसन कोन बिपत आगे, काबर मोला नई बतास ।।
मोर धरोहर काबर छोड़े, छोड़े काबर तैं पहिचान ।
बोरे बासी बट्टी रोटी, दार भात के संग अथान ।।
तरिया नदिया पाटे काबर, पाटे काबर तैं खलिहान ।
हाथ धरे तैं घूमत रहिबे, आही कइसे नवा बिहान ।।
काबर दिन भर छुमरत रहिथस, दारू मंद के चक्कर आय ।
काम बुता ला छोड़-छाड़ के, दूसर पाछू दूम हलाय ।।
काल गांव के गौटिया रहे, गरीबहा काबर आज कहाय ।
तोर दुवारी मा लिखे हवे, दू रूपया के चाउर खाय ।
खेत खार तो ओतके हवय, फसल घला तै जादा पाय ।
काय लचारी अइसे आगे, गरीबहा के बांटा खाय ।।
गरीबहा बेटा काबर तैं, धुररा माटी ला डरराय ।
मोरे कोरा खेले खाये, अब काबर तैं आज लजाय ।।
पढ़ लिख होशियार बनव सबो, निज बल बुद्धि अपन देखाव ।
भारत माता के लाज रखव, मोर दूध के लाज बचाव ।।
मोरे लइका मन हा काबर, कइसन लगथव गा बीमार ।।
जब्बर छाती तो तोर रहिस, सह लेत रहे घन के मार।
घी दूध छकत ले पी-पी के, बासी चटनी खाये झार ।।
ओगराय पथरा ले पानी, सुरूज संग तै करे दुलार ।
रहय कइसनो बोझा भारी, अलगावस जस नार बियार ।।
करे कोखरो भले बिगारी, हाथ अपन ना कभू लमाय
जांगर पेरे अपन पेट बर, फोकट मा कभू नई खाय ।
मोरे तो सेवा कर करके, नाचस कूदस मन बहलास ।
अइसन कोन बिपत आगे, काबर मोला नई बतास ।।
मोर धरोहर काबर छोड़े, छोड़े काबर तैं पहिचान ।
बोरे बासी बट्टी रोटी, दार भात के संग अथान ।।
तरिया नदिया पाटे काबर, पाटे काबर तैं खलिहान ।
हाथ धरे तैं घूमत रहिबे, आही कइसे नवा बिहान ।।
काबर दिन भर छुमरत रहिथस, दारू मंद के चक्कर आय ।
काम बुता ला छोड़-छाड़ के, दूसर पाछू दूम हलाय ।।
काल गांव के गौटिया रहे, गरीबहा काबर आज कहाय ।
तोर दुवारी मा लिखे हवे, दू रूपया के चाउर खाय ।
खेत खार तो ओतके हवय, फसल घला तै जादा पाय ।
काय लचारी अइसे आगे, गरीबहा के बांटा खाय ।।
गरीबहा बेटा काबर तैं, धुररा माटी ला डरराय ।
मोरे कोरा खेले खाये, अब काबर तैं आज लजाय ।।
पढ़ लिख होशियार बनव सबो, निज बल बुद्धि अपन देखाव ।
भारत माता के लाज रखव, मोर दूध के लाज बचाव ।।
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