माने मा पथरा घला, बन जाथे भगवान ।
श्रद्धा अउ विश्वास बिन, ईश्वर हे पाषान ।।
दाई के हर ठांव मा, बाजे मांदर ढोल ।
एक बार मां बोल ले, अपन करेजा खोल ।।
मनखे मनखे एक हे, ईश्वर के सब पूत ।
ऊॅंच नीच मत मान तै, मान मत छुवा छूत ।।
बिना गोड़ के रेंगथें, सुन लेथे बिन कान ।
काम करय बिन हाथ के, बोलय बिना जुबान ।।
लकलक लकलक हे करत, परम दिव्य ओ रूप ।
खप्पर हे अंगार कस, जग जननी भव भूप ।।
गाड़ा-गाड़ा जोहार हे, हे जग जननी तोर ।
तोरे दर मा आय हन, बिनती सुन ले मोर ।।
नाश करे बर पाप के, मां काली बन आय ।
अइसन दाई देख के, लइका सब डरराय ।
श्रद्धा अउ विश्वास बिन, ईश्वर हे पाषान ।।
दाई के हर ठांव मा, बाजे मांदर ढोल ।
एक बार मां बोल ले, अपन करेजा खोल ।।
मनखे मनखे एक हे, ईश्वर के सब पूत ।
ऊॅंच नीच मत मान तै, मान मत छुवा छूत ।।
बिना गोड़ के रेंगथें, सुन लेथे बिन कान ।
काम करय बिन हाथ के, बोलय बिना जुबान ।।
लकलक लकलक हे करत, परम दिव्य ओ रूप ।
खप्पर हे अंगार कस, जग जननी भव भूप ।।
गाड़ा-गाड़ा जोहार हे, हे जग जननी तोर ।
तोरे दर मा आय हन, बिनती सुन ले मोर ।।
नाश करे बर पाप के, मां काली बन आय ।
अइसन दाई देख के, लइका सब डरराय ।
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